मेरे खाटू वाले बाबा का लो आज जनम दिन आया है
ढप ढोल नगाड़े बाज रहे घर घर में आनंद छाया है
मेरे खाटू वाले बाबा का लो आज जनम दिन आया है
कलियुग का देव निराला है ये भक्तो का रखवाला है
ये उनकी बाह पकड़ लेता जो शरण श्याम की आया है
हारे का यही सहारा है ये दीनो का रखवाला है
जिसने भी जिसने भी मन से नाम लिया इसे पल में हाजिर पाया है
पांडव कुल का ये वंशज है निर्बल निर्धन का रक्षक
माता को जो संकल्प दिया इसने वो वचन निभाया है
सब लोग बधाई बात रहे खुशियों से सारे नाच रहे
ऐ हर्ष लगा तू भी ठुमका नाचन का मौसम आया है
ढप ढोल नगाड़े बाज रहे घर घर में आनंद छाया है
मेरे खाटू वाले बाबा का लो आज जनम दिन आया है