मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने
क्या जाने कोई क्या जाने
मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने
मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने
क्या जाने कोई क्या जाने २
ओ मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने
ओ मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने
छवि लगी मैंने श्याम की जबसे
भही बावरी मै तो तबसे
ये कैसे पागल प्रीत ये दुनिया क्या जाने
मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने
मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने
जब से ओडी श्याम चुनरिया
लोग कहे मै बही बावरिया
मैंने छोड़ी जग की रीत
ये दुनिया क्या जाने
मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने
मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने
हर दम अब तो रहू मस्तानी
लोग लाज भी नीन्द सिहानी
मैं तो गायु ख़ुशी की गीत
ये दुनिया क्या जाने
मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने
मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने
मोहन ने ऐसे बंसी बजायी
गोप गोपिया भागी आयी
फिर बाज उठा फिर बाज उठा संगीत
ये दुनिया क्या जाने
मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने
मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने