नंद के लाला गिरधर गोपाला
हे नंद के लाला गिरधर गोपाला
कितना तू सोणा सोणा लागे मैं वारी जावा
नंद के लाला गिरधर गोपाला
बिम्बा के फल जैसे अधर तुम्हारे,
बिम्बा के फल जैसे अधर तुम्हारे,
अधर तुम्हारे अधर तुम्हारे
मोती से दांत भी लागे मैं सदके जावां,
नंद के लाला गिरधर गोपाला
पलके हैं जैसे गुलाबी पखुड़िया,
नैन कमल से लागे मैं सदके,
नंद के लाला गिरधर गोपाला
कितना तू सोणा सोणा लागे मैं वारी जावा
ध्यान में तेरे मैं खुद को भूली,
आनंद नित नित लागे मैं सदके जावां,
नंद के लाला गिरधर गोपाला
कितना तू सोणा सोणा लागे मैं वारी जावा
हे नंद के लाला गिरधर गोपाला
कितना तू सोणा सोणा लागे मैं वारी जावा
नंद के लाला गिरधर गोपाला