सखी रे मोहे छेड़े नन्द का छोरा

सखी रे मोहे छेड़े नन्द का छोरा
जब मैं जाऊं पानीया भरन को
मारे गुलेल मोरी मटकी है फोड़े
सखी रे मोहे छेड़े नन्द का छोरा।।

मुरली की धुन पे मोहे नचाये
मीठी मीठी बतिया से हाय जिया धड़काये
माने ना बात करू कितना निगोड़ा
सखी रे मोहे छेड़े नन्द का छोरा
सखी रे मोहे छेड़े नन्द का छोरा।।

करि है शिकायत तोसे यशोदा मैया
बड़ा नटखट है थारो कृष्णा कन्हैया
माखन खायो सारो तनिक ना छोड़ा
सखी रे मोहे छेड़े नन्द का छोरा
सखी रे मोहे छेड़े नन्द का छोरा।।

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