मेरी बात पे साँवरे
करो ज़रा तुम गौर
किस को दुःख जाकर कहें
नटवर नन्द किशोर
सुनो हे साँवरिया सरकार
तुम बिन विपदा कौन हरेगा
सौलहां कलां अवतार
सुनो हे साँवरिया सरकार
फैली है कैसी महमारी
संकट में है दुनियाँ सारी
मुरली मधुर सुना दो आकर
सुन लो करुण पुकार
सुनो हे साँवरिया सरकार
तेरे दरस को नैना तरसे
सावन भादों तीज ज्यों बरसे
समय आ गया कैसा हो गए
मंदिर के बंद द्वार
सुनो हे साँवरिया सरकार
चमत्कार ऐसा दिखला दो
दुःख संकट सब दूर भगा दो
भीमसेन की इतनी बिनती
कर लेना स्वीकार
सुनो हे साँवरिया सरकार