जहाँ की ठोकरे खाकर माँ तेरे पास आये है
सुनो विनती हे जगदम्बे ज़माने के सताए है
यहाँ कोई नहीं मेरा शिव तेरे हे आंबे माँ
मिलेगा प्यार माँ तेरा ये विश्वास लेकर आये है
सुनो विनती हे जगदम्बे ज़माने के सताए है
खता जो भी हुई मुझसे माँ उसको माफ़ कर देना
ये आंसू श्रद्धा के हम भेट लाये है
सुनो विनती हे जगदम्बे ज़माने के सताए है
जहाँ में माँ से बढ़कर के कोई भी हो नहीं सकता
भरेगी झोली खुशियों से ये लेकर आस आये है
सुनो विनती हे जगदम्बे ज़माने के सताए है
तेरे इस भीम सेन पे भी करो बरसात करुणा की
कहे किस से माँ जाकर के बड़े ही गम उठाये है
जहा की ठोकरे खाकर माँ तेरे पास आये है
सुनो विनती हे जगदम्बे ज़माने के सताए है