चार दिनों की प्रीत जगत में चार दिनों के नाते है
चार दिनों की प्रीत जगत में चार दिनों के नाते हैपलकों के पर्दे पड़ते ही सब नाते मिट जाते हैं जिनकी चिन्ता में तू जलता वे ही चिता जलाते हैंजिन पर रक्त बहाये जल सम जल में वही बहाते हैंपलकों के पर्दे पड़ते ही सब नाते मिट जाते हैं घर के स्वामी के जाने पर … Read more