देखी मटकी पे मटकी कन्हैया जी को खटकी

देखी मटकी पे मटकी कन्हैया जी को खटकी,अब खटकी तो मन में न समाई रे,कान्हा कंकरियां जोर के दे मारी रे,मइयां यशोदा यशोदा मैया ।। मटकी जो फूटी राधा नदी में लिप्त गई,दही की मलाई अंग अंग से चिपक गई,सांवरियो मुश्कावे राधा रानी को चिड़ावे,राधा शर्म से नैना झुकाई रे,कान्हा कंकरियां जोर के दे मारी … Read more