कन्हैया जो तूने गले से लगाया

खुले भाग्य मेरे तेरे डर पे आकेकन्हैया जो तूने गले से लगाया सोया नसीब जगा है मेराअपने सखा से बड़ा प्यार पाया।। ये सोचा था मैंने तेरे घर जो आउतेरे दरश कान्हा पौ न पौ ये सोचा था तेरे घर जो आउदरश तेरे कान्हा पौ न पौ आया सुदामा द्वारे पे तेरेसुनते ही मोहन दौड़ा … Read more