एक बार जो खाटू पहुचा बन गये उसके काम रे
एक बार जो खाटू पहुचा बन गये उसके काम रे Ek Baar Jo Khatu Pahucha Ban Gaye Uske Kaam Re छुक छुक रेल चली हैखाटू रिंगस धाम रेएक बार जो खाटू पहुचाबन गये उसके काम रे फागुन में ख़ातु में लगताश्याम प्रभु का मेलाकोई ले परवीर चलाचल दिया एक अकेला केसरिया निशान लेकरजाती भक्तो की … Read more