मेरी मईया है जग से निराली फिर भी झोली मेरी क्यों है खाली
मेरी मईया है जग से निराली फिर भी झोली मेरी क्यों है खाली,मेरी विनती सुनो दुर्गे मइयां तेरी चौकठ से जाऊ न खाली।। मैंने आस की ज्योत जलाई हो मेरे मन है माँ तू समाई,आज आया हु बन के सवाली तेरी चौकठ से जाऊ न खाली,मेरी मईया है जग से निराली फिर भी झोली मेरी … Read more