भंग पीकर रहते हैं सदा मस्त मौला शिव शंकर औघड़ दानी बम भोला
भंग पीकर रहते हैं सदा मस्त मौलाशिव शंकर औघड़ दानी बम भोलामस्त मौला मस्त मौला मस्त मौला रास आती नहीं इनको दो संग पलंगीरहते भस्मी रमाये अंग अंग धरन करते वाघम्बर ओढ़ ले मृगछलाशंभू देवो के देव बड़े मतवालेभंग पीकर रहते हैं सदा मस्त मौला बम बम भोले बम भोलेबम बम भोले बम भोले इनको … Read more