
तू ही दाता तू ही विधाता,
तू ही तो उपकारी प्रभुजी,
तू दुःख हारता तू सुख करता,
तू ही तो उपकारी प्रभुजी,
तू ही दाता।।
तेरे दृष्टि हो हम सब पर सत्य मार्ग अपनाये,
तेरी सृष्टि में हम सब पर कोई विपदा ना आये,
तेरे जग में ना कोई भूखा सोये,
तेरे नभ से ना कोई प्यासा हो वे।।
तू ही दाता तू ही विधाता,
तू ही तो उपकारी प्रभुजी,
तू दुःख हारता तू सुख करता,
तू ही तो उपकारी प्रभुजी,
तू ही दाता।।
जनम मरण तो सत्य,
पर तेरा बड़ा है नाम,
कर्मा धरम तो नित्य है,
पर तेरा बड़ा है धाम,
तुझसे बड़ा है न कोई दानी,
तू हो कदापि ना आँखों में पानी।।
तू ही दाता तू ही विधाता,
तू ही तो उपकारी प्रभुजी,
तू दुःख हारता तू सुख करता,
तू ही तो उपकारी प्रभुजी,
तू ही दाता।।