वृन्दावन क्यों छोड़ा माधव हमें तुम याद आए माधव

वृन्दावन क्यों छोड़ा माधव हमें तुम याद आए माधव
वृन्दावन क्यों छोड़ा माधव हमें तुम याद आए माधव ।।

जो मैं होती पंख मोर का,
मुकुट पे सज रहती माधव,
वृन्दावन क्यों छोड़ा माधव ।।

जो मैं होती सीप का मोती,
कुण्डल में सज रहती माधव ,
वृन्दावन क्यों छोड़ा माधव।।

जो मैं होती बांस की पोरी,
अधर पे सज रहती माधव,
वृन्दावन क्यों छोड़ा माधव।।

जो मैं होती पीला पीतांबर,
मैं तन पे सज रहती माधो,
वृन्दावन क्यों छोड़ा माधव ।।

जो मैं होती तार में मोती,
पायल में सज रहती माधव ,
वृन्दावन क्यों छोड़ा माधव।।

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