
अब मुझे बंसी सुनाना नही बंसी वट पे अब बुलाना नही
Ab Mujhe Bansi Sunana Nahi Bansi Vat Pe Ab Bulana Nahi
तू है कारो कारो मैं हु गोरी गोरी,
जमती नही तेरी मेरे संग में जोड़ी,
कभी भूले से भी मेरे पीछे,
अब तो वो चक्कर लगाना नही,
अब मुझे बंसी सुनाना नही,
बंसी वट पे अब बुलाना नही।।
भूल जा अपनी प्रेम कहानी
नही रही मैं तेरी दीवानी,
ब्रिज का छलियाँ नाम है,
तेरा करता बाते कपट भरी है,
छेड़ खानी के बिन तूने ना,
कोई प्रेम की बात करी है,
क्या होती है रीत प्रेम की
आकर निभाना नही,
अब मुझे बंसी सुनाना नही
बंसी वट पे अब बुलाना नही।।
माखन चुरा के खाता है तू तो,
सखियों के चीर चुराता है तू तो,
तेरे जैसा ना कोई देखा न समझे,
तू आपस दारी,
तेरी मेरी निभे न यारी,
सच केहता है राज अनाडी,
झूठी हम दर्दी वाला प्यार,
अब मेरे उपर लुटाना नही,
अब मुझे बंसी सुनाना नही,
बंसी वट पे अब बुलाना नही।।
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