मेरे बंसी वाले कृष्ण कन्हाई ढूंढे तुझे ममता मेरी

मेरे बंसी वाले कृष्ण कन्हाई ढूंढे तुझे ममता मेरी

Mere Banis Wale Krishna Kanhai Dhudhe Tujhe Mamta Meri

सुनी सुनी आँखे भर कर,
मैया तुझको पुकारे ,
ममता का कोई मोल नही रे,
जगत के पालनहारे,
मेरे बंसी वाले कृष्ण कन्हाई,
ढूंढे तुझे ममता मेरी।।

सुन विनती मेरी देती हु दुहाई ,
आखिर में मैं माँ हु तेरी,
ओ मेरे बंसी वाले,
मेरे बंसी वाले कृष्ण कन्हाई,
ढूंढे तुझे ममता मेरी।।

भरी माखन से भरी मटकियाँ,
किस को जाके खिलाऊ,
आँचल से झलके है ममता,
किसपे जाके लुटाऊ,
दिल के टुकड़े सुनले,
दिल में होती पीड घनेरी,
मेरे बंसी वाले कृष्ण कन्हाई
ढूंढे तुझे ममता मेरी।।

सुना आँगन सुनी गलियां,
सुना तट नदियाँ का,
सुख गया हर फूल और पता,
इस दिल की भगीया का,
आस की डोरी टूट न,
जाए करते काहे,
मेरे बंसी वाले कृष्ण कन्हाई
ढूंढे तुझे ममता मेरी।।

कब से तेरी राह निहारु,
पथरा गई है अखियाँ,
कब आओगे पूछे सारे ग्वाल बाल,
और सखियाँ दीप ताज फिर मिल जाएगे,
मिले गी न माँ तेरी,
मेरे बंसी वाले कृष्ण कन्हाई,
ढूंढे तुझे ममता मेरी।।

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