है कण कण में झांकी भगवान की
है कण कण में झांकी भगवान की Hain Kan Kan Me Jhanki Bhagwan Ki है कण कण में झांकी भगवान की,किसी सूझ वाली आँख ने पहचान की, नामदेव ने पकाई रोटी कुत्ते ने उठाई,पीछे घी का कटोरा लिए जा रहे, बोले रुखी तो ना खाओ,थोडा घी तो लेते जाओ,रूप अपना क्यूँ मुझ से छिपा रहे। … Read more