प्रेम तुम्हारा हमको झुंझुन खींच लता है
भादो का जब जब माँ मेला आता है,प्रेम तुम्हारा हमको झुंझुन खींच लता है,आँखों में जब जब तेरा चेहरा आता है,प्रेम तुम्हारा हमको झुंझुन खींच लता है।। झुंझुनू के गांव की वो बंद गलियां,मंदिर की बगीची की फूलो की बगियाँझुंझुन की माटी की खुसबो सवाली,दादी की चरणों का वो निर्मल पानी,दर्शन तेरे करने से ही … Read more