त्रिपुरारी वृषभ की सवारी जटा से श्री गंगा बेहती
त्रिपुरारी वृषभ की सवारी जटा से श्री गंगा बेहती,जटा से श्री गंगा बेहती जटा से श्री गंगा बेहती।। जिसने सागर का सारा विष पी लिया,बन के किरात अर्जुन को वर दे दिया,भागम धारी वैकुण्ठ के पुजारी,जटा से श्री गंगा बेहती।। नितय तांडव करते है नटराज शिव,रुदर बन कर करते है संहार शिव,करते है पूजा शिव … Read more