ओ सबकुछ मिला रे भोले रेहमत से तेरी
तूने ही है सुनी इल्तिजा मेरी।।
बन के फ़कीर मैं चला राह में तेरी
तू न मिलया मुझको आस है तेरी।।
ओ सबकुछ मिला रे भोले रेहमत से तेरी
तूने ही है सुनी इल्तिजा मेरी।।
तन एक मंदिर है रूह एक जरिया
तू ना मिलेगा चाहे खोज लो दरिया
रहता है कहा पे तू किस देश भेष में
मिलजा मुझे तू सुनले इतनी सी फरियाद
ना कोई अपना हिअ सब है पराया
उससे है ये मोहब्बत बे इंतिहा मेरी ।।
सबकुछ मिला रे भोले रेहमत से तेरी
तूने ही है सुनी इल्तिजा मेरी।।
बन के फ़कीर मैं चला राह में तेरी
तू न मिलया मुझको आस है तेरी।।
कठिन सफर में बन के फिर रहा बंजारा
राह में काटे है फिर भी क्या खूब है नजारा।।
जनता है तू भोले हर चित्त की चोरी
तूने है थामी मेरे जीवन की ये डोरी
मेरी ये सांस तू है मेरा विश्वाश तू है
किश्मत की है न जरूरत लकीरो को मेरी।।
सबकुछ मिला रे भोले रेहमत से तेरी
तूने ही है सुनी इल्तिजा मेरी।।
बन के फ़कीर मैं चला राह में तेरी
तू न मिलया मुझको आस है तेरी।।
सिंगर – हंसराज रघुवंशी जी।
Sab Kuchh Mila Re Bhole Rehmat Se Teri
Tune Hi Hai Suni Iltija Meri
Banke Fakeer Main Chala Raah Mein Teri
Tu Na Milaya Mujhko Aas Hai Teri
Sab Kuchh Mila Re Bhole Rehmat Se Teri
Tune Hi Hai Suni Iltija Meri