श्याम दरबार में चलके जो पहली बार आता है
हर ख़ुशी मिलती जीवन में वो बारम बार आता है
है निराला ये द्वारा मेरे श्याम का
श्याम दरबार में चलके जो पहली बार आता है
मैं सुनाता हु इनकी कहानी सुनो
देते मुर्दों को ये जिंदगानी सुनो
दानी सुनो वरदानी सुनो
करते भगतो पे ये मेहरबानी सुनो
आये राजा और रंक याहा पर सभी
कोई खाली न लोटा है दर से कभी
श्याम जैसा नही देव संसार में
दोडकर आये ये भगतो के प्यार में
बोल बाला है जग में इसी नाम का
श्याम दरबार में चलके जो पहली बार आता है
श्याम के दर की जग में है महिमा बड़ी
यहाँ टलती मुसीबत बड़ी से बड़ी
इनकी मोर छड़ी जिसके सिर पे पड़ी
टल गई प्यार उसकी तो दुःख की घड़ी
श्याम कुंड में घोता जो लेता गया
तन के रोगों को पल में ये देता भगा
यहाँ होते बड़े ही चमत्कार है
खाटू वाले का सचा ये दरबार है
पैसा लागे न याहा कोई काम का
श्याम दरबार में चलके जो पहली बार आता है
श्याम हारे को देता सहारा सदा
धन दोलत वेह देता है सुख समप्रदा
श्याम सरकार का लखदातार का
डंका बजता है कलयुग के अवतार का
सचे दिल से इन्हें जो भी याद करे
श्याम खुशियों से उसकी ही झोली भरे
श्याम किरपा की जिसपे बरसात हो
दिन दुशेहरा दिवाली की हर रात हो
भीम सेन दीवाना तेरे धाम का
श्याम दरबार में चलके जो पहली बार आता है