ये काया कुटिया निराली जमाने भर से

ये काया कुटिया निराली जमाने भर से

Kaya Kutiya Nirali Jamane Bhar Se

ये काया कुटिया निराली जमाने भर से
दस दरवाजे वाली जमाने भर से

जो डूबे श्रीराम जी की मस्ती में
चार चांद लग जाते उनकी हस्ती में

सबसे सुन्दर आँख की खिड़की
जिसमें पुतली काली जमाने भर से

काया कुटीया निराली जमाने भर से
दस दरवाजे वाली जमाने भर से

सुनते श्रवण नासिका सूंघे
वाणी करे बोला चाली जमाने भर से
काया कुटीया निराली जमाने भर से
दस दरवाजे वाली जमाने भर से

लेना देना ये कर करते हैं
पग चाल चले मतवाली जमाने भर से
काया कुटीया निराली जमाने भर से
दस दरवाजे वाली जमाने भर से

मुख के भीतर रहती रसना
षट रस स्वादों वाली जमाने भर से
काया कुटीया निराली जमाने भर से
दस दरवाजे वाली जमाने भर से

काम क्रोध मद लोभ मोह से
बुध्दि करे रखवाली जमाने भर से
काया कुटीया निराली जमाने भर से
दस दरवाजे वाली जमाने भर से

करके संग इंद्रियो का मन
ये बन बैठा जंजाली जमाने भर से
काया कुटीया निराली जमाने भर से
दस दरवाजे वाली जमाने भर से

इस कुटिया का नित्य किराया
स्वाश चुकाने वाली जमाने भर से
काया कुटीया निराली जमाने भर से
दस दरवाजे वाली जमाने भर से

काया कुटिया निराली जमाने भर से
दस दरवाजे वाली जमाने भर से

Kaya Kutiya Nirali Jamane Bhar Se

Kaya Kutiya Nirali Jamane Bhar Se
Dus Darvaje Wali Jamane Bhar Se

Singer – Shri Rajeshwaranandji Maharaj

Kaya Kutiya Nirali Jamane Bhar Se
Dus Darvaje Wali Jamane Bhar Se

Sabse Sundar Aankh Ki Khidki
Jisme Putali Kaali Jamane Bhar Se
Dus Darvaje Wali Jamane Bhar Se

Kaya Kutiya Nirali Jamane Bhar Se
Dus Darvaje Wali Jamane Bhar Se

Sunte Shravan Nasika Soonghe
Vaani Kare Bolachali Jamane Bhar Se

Kaya Kutiya Nirali Jamane Bhar Se
Dus Darvaje Wali Jamane Bhar Se

Lena Dena Kar Karte Pag
Chaal Chale Matwali Jamane Bhar Se

Kaya Kutiya Nirali Jamane Bhar Se
Dus Darvaje Wali Jamane Bhar Se

Mukh Ke Bheetar Rehti Rasna
Shat Ras Swado Wali Jamane Bhar Se

Kaya Kutiya Nirali Jamane Bhar Se
Dus Darvaje Wali Jamane Bhar Se

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