
दादा गउएँ पुकारे तुम्हारी
Dada Gaun pukare Tumhari
दादा गउएँ पुकारे तुम्हारी
हो दादा जी गउएँ पुकारे तुम्हारी
गौ शाला में राह निहारें जग की पालनहारी
दादा गउएँ पुकारे तुम्हारी ………………
जिन डिवॉन से जग संचालित वो है मुझमे समाये
माँ कह कर के पालनहारा कृष्ण भी मुझे बुलाये
लेकिन संत शरण में रहकर ख़ुशी मिली मुझे साड़ी
दादा गउएँ पुकारे तुम्हारी ………………
मुझ में पांच तत्त्व के अमृत अमृत पान कराऊँ
लेकिन दादा तेरी याद में हर एक अश्क़ बहाऊँ
अच्छे सुख के दाता तुम बिन कौन खबर ले म्हारी
दादा गउएँ पुकारे तुम्हारी ………………
हरजी के सूत दुखी ह्रदय को धीरज कौन बँधाये
गौ माता का व्याकुल मनवा हर पल तुम्हे बुलाये
तेरे दरश को तरस रही हैं भीगी आँख हमारी
दादा गउएँ पुकारे तुम्हारी ………………
तैतीस कोटि देवता जिसमे खुद को धन्य बताते
उस गौ माता के मन मंदिर में अखाराम समाते
तेरी याद में व्याकुल होकर आँख हैं नम हमारी
दादा गउएँ पुकारे तुम्हारी ………………
संत शिरोमणि तेरे जैसा संत दिखा ना दूजा
अखाराम जी तभी तो तेरी घर घर होती पूजा
अजय विजय ना देखा बेधड़क ऐसा संत उपकारी
दादा गउएँ पुकारे तुम्हारी ………………
Dada Gaun Pukare Tumhari
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