
भजन बिना लुट गई रे जिंदगानी
Bhajan Bina Lut Gayi Re Zindagani
भजन बिना लुट गई रे जिंदगानी
बिना भजन के नहीं कटेगी तेरी उमरिया सारी
भजन बिना लुट गई रे जिंदगानी।।
हरी बिना लूट गए रे जिंदगानी
भजन बिना लुट गई रे जिंदगानी
सत्संग बिना लूट गयी रे जिंदगानी
बिना भजन के नहीं कटेगी तेरी उमरिया सारी।।
हरि भजन किया मीराबाई ने
बैठ गई संतन के बीच में
जहर का प्याला अमृत बनाया जोगन बनी तुम्हारी
भजन बिना लुट गई रे जिंदगानी
हरी भजन की अधुरो भगत ने
बैठ गया जंगल के बीच में
जंगल में मंगल कर डाला दे दर्शन गिरधारी
भजन बिन लुट गई रे जिंदगानी
हरि भजन किया नारी द्रोपति ने
सभा बीच कड़ी तेरे भजन में
साड़ी को अंबर से लगाया बहना बनी तुम्हारी
भजन बिन लुट गई रे जिंदगानी
हरि भजन किया नरसी भगत ने
खड़ा पतली पे तेरी लगन में
सवा पहर मुंडी बरसाई लीला देखी तुम्हारी
भजन बिन लुट गई रे जिंदगानी
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