मात श्री रानीसती जी मेरी कष्ट कर दूर भक्त के री
मात श्री रानीसती जी मेरी,कष्ट कर दूर भक्त के री।। पाय मैं पडूँ मात थारे,क्षमा कर चूक भयी म्हारे,अनेको विघन आप टारे,काज निज भक्तन के सारे,दोऊ कर जोड़े मैं खड़ा,जननी थारे द्वार,ओ मैया जननी थारे द्वार,दुखित दीन माँ जान के मुझको,जरा दो पलक उघाड़,कृपा कर बिलखत भयी देरी,कष्ट कर दूर भक्त के री।मात श्री रानीसती … Read more