दूर गुणों से धरती हो खली काली का जब खंजर चले
दूर गुणों से धरती हो खली काली का जब खंजर चले Kaali Ka Jab Khanjar Chale Devi Bhajan नर मुंडो की धेरी लगा केखून से माँ खपर भरे,देख कर के रूप भयंकरकाल भी तब माँ से डरे,आँखों में हो सुर की निराली,काली का जब खंजर चले, देतय सुर दुस्टो का मिटातीकाली का माँ नमो निशान,लेकर … Read more