चल मंदिर कहे सोये भजन बिना हरी से मिलन न होये
चल मंदिर कहे सोये भजन बिना हरी से मिलन न होये Chal Mandir Kahe Soye Bhajan Bina Hari Se Milan Na Hoye भजन बिना हरी से मिलन न होये,भयो दिन चल मंदिर कहे सोये।। ओ पगले पापो की गठरियाँ काहे मन पे धोये,हरी सुमिरन की गंगा में क्यों मेल न मन का धोये,भयो दिन चल … Read more